सहअस्तित्व में मध्यस्थ सत्ता (व्यापक रूपी साम्य उर्जा) मध्यस्थ क्रिया (परमाणु का मध्यांश क्रिया) एवं मध्यस्थ जीवन (जागृति पूर्ण चैतन्य इकाई) अथवा स्वानुशासित चैतन्य जीवन का अध्ययन व् प्रतिपादन जो अनुभव और व्यवहारगम्य है |
अस्तित्व में संपूर्ण आवेशों को सामान्य बनाने और आवेशों से निष्प्रभावित रहने का पूर्ण वैभव। मध्यस्थ सत्ता, मध्यस्थ क्रिया, मध्यस्थ जीवन|
दर्शक-द़ृष्टि के द्वारा द़ृश्य को यथावत समझना और उसकी अभिव्यक्ति सम्प्रेषणा व प्रकाशन क्रिया।
अस्तित्व में विकास, पूरकता व उदात्तीकरण सूत्र व व्याख्या | विकास क्रम में अग्रिम पद में (जैसे पदार्थावस्था से प्राणावस्था, प्राणावस्था से जीवावस्था की रचनाएँ) होने वाली प्रकाशन क्रिया का सूत्र और व्याख्या।
मन वृत्ति को; वृत्ति चित्त को; चित्त बुद्धि को; बुद्धि आत्मा को अर्पित होने की क्रिया और अस्तित्व रूपी सत्य में अनुभव होने की क्रिया। साथ ही आत्मा बुद्धि को, बुद्धि चित्त को, चित्त वृत्ति को, वृत्ति मन को मूल्यांकित करने वाली क्रिया।
परमाणु में गठनपूर्णता, क्रियापूर्णता, आचरणपूर्णता और उसके क्रिया कलापों को जानना मानना।