ज्ञान एवं मानव

ज्ञान

ज्ञान विवेक विज्ञान

अस्तित्व दर्शन | जीवन ज्ञान |
मानवीयतापूर्ण आचरण ज्ञान

यथार्थ

यथार्थता वास्तविकता सत्यता

स्थिति सत्य | वस्तुगत सत्य |
वस्तुस्थिति सत्य

मानव

मानवत्व | मानवीय संचेतना

मानवीय चरित्र | मानवीय सम्बन्ध |
मानवीय आचरण

दर्शन एवं निर्भ्रमता

ज्ञान ज्ञाता ज्ञेय

ध्यान ध्याता ध्येय

में निर्भ्रमता

दृष्टा दृश्य दर्शन

देखने वाला, दृश्यात्मक वस्तु एवं समझ

में निर्भ्रमता

दृष्टा, करता, भोक्ता

समझने, करने, अनुभव करने वाला

में निर्भ्रमता

मानवीय व्यवस्था

मानवीय शिक्षा नीति

चेतना विकास मूल्य शिक्षा

मानवीय राष्ट्रीयता का प्रारूप

राष्ट्रीय चरित्र क्या है?

सर्वोभौम मानवीय संविधान

अंतरराष्ट्रीय के लिए मानवीय संविधान

मैं अपने में क्या हूँ?

मनाकर को साकार करने वाला तथा मन:स्वस्थता को प्रमाणित करने वाले की मानव संज्ञा है

मध्यस्थ दर्शन

मुख्य परिभाषाएं

मध्यस्थ दर्शन

सहअस्तित्व में मध्यस्थ सत्ता (व्यापक रूपी साम्य उर्जा) मध्यस्थ क्रिया (परमाणु का मध्यांश क्रिया) एवं मध्यस्थ जीवन (जागृति पूर्ण चैतन्य इकाई) अथवा स्वानुशासित चैतन्य जीवन का अध्ययन व् प्रतिपादन जो अनुभव और व्यवहारगम्य है |

मध्यस्थ

अस्तित्व में संपूर्ण आवेशों को सामान्य बनाने और आवेशों से निष्प्रभावित रहने का पूर्ण वैभव। मध्यस्थ सत्ता, मध्यस्थ क्रिया, मध्यस्थ जीवन|

दर्शन

दर्शक-द़ृष्टि के द्वारा द़ृश्य को यथावत समझना और उसकी अभिव्यक्ति सम्प्रेषणा व प्रकाशन क्रिया।

सहअस्तित्ववाद

अस्तित्व में विकास, पूरकता व उदात्तीकरण सूत्र व व्याख्या | विकास क्रम में अग्रिम पद में (जैसे पदार्थावस्था से प्राणावस्था, प्राणावस्था से जीवावस्था की रचनाएँ) होने वाली प्रकाशन क्रिया का सूत्र और व्याख्या।

जीवन विद्या

मन वृत्ति को; वृत्ति चित्त को; चित्त बुद्धि को; बुद्धि आत्मा को अर्पित होने की क्रिया और अस्तित्व रूपी सत्य में अनुभव होने की क्रिया। साथ ही आत्मा बुद्धि को, बुद्धि चित्त को, चित्त वृत्ति को, वृत्ति मन को मूल्यांकित करने वाली क्रिया।

जीवन ज्ञान

परमाणु में गठनपूर्णता, क्रियापूर्णता, आचरणपूर्णता और उसके क्रिया कलापों को जानना मानना।